केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट 2025 पेश किया, जो मध्यम वर्ग, किसानों, महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाओं से भरा हुआ है। विशेष रूप से टैक्सपेयर्स के लिए इस बजट में कई राहत भरे ऐलान किए गए हैं, जो उनकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और खर्च करने की क्षमता बढ़ाने में मदद करेंगे। इस लेख में हम बजट 2025 के 10 प्रमुख ऐलानों पर चर्चा करेंगे, जो टैक्सपेयर्स के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं।
1. 12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) के तहत 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय को पूरी तरह से आयकर से मुक्त कर दिया गया है। स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह सीमा 12.75 लाख रुपये तक बढ़ जाती है। इस बदलाव से मध्यम वर्ग को 80,000 रुपये तक की बचत होगी।
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2. टैक्स स्लैब में बदलाव
बजट 2025 में आयकर स्लैब को और सरल बनाया गया है। नई दरें इस प्रकार हैं:
- 0-12 लाख रुपये: 0% टैक्स
- 12-16 लाख रुपये: 15% टैक्स
- 16-20 लाख रुपये: 20% टैक्स
- 20-24 लाख रुपये: 25% टैक्स
- 24 लाख रुपये से अधिक: 30% टैक्स
इससे 24 लाख रुपये की आय वाले टैक्सपेयर्स को 1.10 लाख रुपये तक की बचत होगी।
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3. सीनियर सिटीजंस के लिए TDS सीमा में वृद्धि
वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज आय पर टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। इससे रिटायर्ड लोगों को अधिक बचत करने और वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
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4. दो प्रॉपर्टी पर टैक्स छूट
अब टैक्सपेयर्स दो स्व-उपयोग वाली प्रॉपर्टी (Self-Occupied Properties) के वार्षिक मूल्य को बिना किसी शर्त के शून्य मान सकते हैं। पहले यह सुविधा केवल एक प्रॉपर्टी के लिए थी, जिससे घर खरीदने वालों को बड़ी राहत मिलेगी।
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5. आयकर रिटर्न फाइल करने की समय सीमा बढ़ी
आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने की समय सीमा को 2 साल से बढ़ाकर 4 साल कर दिया गया है। इससे टैक्सपेयर्स को अपनी फाइलिंग में सुधार करने या गलतियों को ठीक करने के लिए अधिक समय मिलेगा।
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6. नया आयकर विधेयक
वित्त मंत्री ने अगले सप्ताह एक नया आयकर विधेयक पेश करने की घोषणा की है, जो “पहले विश्वास करें, बाद में जांच करें” की अवधारणा पर आधारित होगा। यह विधेयक टैक्स सिस्टम को और सरल, पारदर्शी बनाएगा और अनावश्यक नोटिस या परेशानियों को कम करेगा।
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7. शिक्षा लोन पर TCS में छूट
शैक्षिक उद्देश्यों के लिए मान्यताप्राप्त वित्तीय संस्थानों से लिए गए एजुकेशन लोन पर टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (TCS) को हटा दिया गया है। यह छात्रों और उनके परिवारों के लिए विदेशी शिक्षा को और किफायती बनाएगा।
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8. किराए पर TDS सीमा में वृद्धि
किराए पर TDS की सीमा को 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे छोटे व्यवसायों और व्यक्तियों को किराए के भुगतान पर कम कर कटौती का सामना करना पड़ेगा।
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9. छोटे चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए राहत
छोटे चैरिटेबल ट्रस्ट और संस्थानों के लिए पंजीकरण अवधि को 5 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है। इससे उनकी अनुपालन प्रक्रिया आसान होगी और टैक्स छूट का लाभ लंबे समय तक मिलेगा।
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10. स्टार्टअप्स के लिए टैक्स बेनिफिट
स्टार्टअप्स के लिए टैक्स बेनिफिट प्राप्त करने की इनकॉरपोरेशन अवधि को 5 साल तक बढ़ा दिया गया है। साथ ही, स्टार्टअप्स के लिए 20 करोड़ रुपये तक का क्रेडिट गारंटी कवर और 5 लाख रुपये की सीमा वाला विशेष क्रेडिट कार्ड शुरू किया जाएगा।
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निष्कर्ष
बजट 2025 ने टैक्सपेयर्स को कई तरह की राहतें प्रदान की हैं, जो उनकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और खर्च करने की क्षमता बढ़ाने में मदद करेंगी। 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट, सीनियर सिटीजंस के लिए TDS सीमा में वृद्धि, दो प्रॉपर्टी पर छूट, और नया आयकर विधेयक जैसे कदम मध्यम वर्ग के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हैं। इसके अलावा, शिक्षा लोन, किराए पर TDS, और स्टार्टअप्स के लिए विशेष प्रावधान इस बजट को समावेशी और विकासोन्मुख बनाते हैं।
अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट (www.indiabudget.gov.in) पर जाएं या अपने वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें।
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