परिचय
कर कटौती स्रोत पर (Tax Deducted at Source – TDS) भारतीय आयकर प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें आयकर विभाग द्वारा निर्धारित कुछ भुगतानों, जैसे वेतन, ब्याज, किराया, और अन्य आय, पर कर भुगतानकर्ता द्वारा काटा जाता है और सरकार के पास जमा किया जाता है। टीडीएस का उद्देश्य कर संग्रह को आसान बनाना और कर चोरी को कम करना है। यह सुनिश्चित करता है कि आय पर कर उसी समय काट लिया जाए जब आय उत्पन्न होती है, जिससे करदाताओं पर वित्तीय वर्ष के अंत में बड़ा कर बोझ न पड़े।
वित्त वर्ष 2025-26 (आकलन वर्ष 2026-27) के लिए, केंद्रीय बजट 2025 में टीडीएस नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव पेश किए गए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य कर अनुपालन को सरल करना, छोटे करदाताओं पर बोझ कम करना, और नकदी प्रवाह में सुधार करना है। विशेष रूप से, वेतन, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), किराया, और क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित टीडीएस नियमों में बदलाव या स्पष्टीकरण देखे गए हैं। यह लेख इन बदलावों को विस्तार से समझाएगा और यह बताएगा कि ये बदलाव विभिन्न करदाताओं, जैसे वेतनभोगी कर्मचारियों, वरिष्ठ नागरिकों, मकान मालिकों, और क्रिप्टो निवेशकों पर कैसे प्रभाव डालेंगे।
टीडीएस क्या है?
टीडीएस, या स्रोत पर कर कटौती, एक ऐसी प्रणाली है जिसमें भुगतानकर्ता (जैसे नियोक्ता, बैंक, या किरायेदार) कुछ प्रकार की आय (जैसे वेतन, ब्याज, या किराया) पर कर काटता है और इसे सरकार के पास जमा करता है। यह कर आयकर अधिनियम, 1961 के विभिन्न खंडों के तहत लागू होता है, जैसे कि धारा 192 (वेतन), धारा 194A (ब्याज), और धारा 194I (किराया)। टीडीएस का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकार को नियमित रूप से कर प्राप्त हो और करदाता को वित्तीय वर्ष के अंत में एकमुश्त कर भुगतान न करना पड़े।
टीडीएस अनुपालन के लिए, भुगतानकर्ता को टैक्स डिडक्शन अकाउंट नंबर (TAN) प्राप्त करना होता है और काटे गए कर को निर्धारित समय के भीतर सरकार के पास जमा करना होता है। करदाता अपने टीडीएस क्रेडिट को फॉर्म 26AS के माध्यम से देख सकते हैं और इसे अपनी आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय समायोजित कर सकते हैं।
2025 में वेतन पर टीडीएस: बदलाव
धारा 192 का अवलोकन
धारा 192 के तहत, नियोक्ता को कर्मचारी के वेतन से टीडीएस काटना होता है, जो कर्मचारी की अनुमानित वार्षिक आय और लागू आयकर स्लैब पर आधारित होता है। नियोक्ता कर्मचारी के निवेश, छूट (जैसे धारा 80C के तहत), और अन्य कटौतियों को ध्यान में रखकर टीडीएस की गणना करता है।
2025 में बदलाव
2025 में, नई कर व्यवस्था (न्यू टैक्स रिजीम) में आयकर स्लैब में बदलाव किए गए हैं। अब 4 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा, जिससे निम्न और मध्यम आय वर्ग के कर्मचारियों को राहत मिलेगी। नई स्लैब इस प्रकार हैं:
- 0 से 4 लाख रुपये: 0% कर
- 4 लाख से 8 लाख रुपये: 5% कर
- 8 लाख से 12 लाख रुपये: 10% कर
- 12 लाख से 16 लाख रुपये: 15% कर
- 16 लाख से 20 लाख रुपये: 20% कर
- 20 लाख से 24 लाख रुपये: 25% कर
- 24 लाख रुपये से अधिक: 30% कर
पुरानी कर व्यवस्था में भी कुछ छूट सीमाओं को बढ़ाया गया है, जैसे कि धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती। कर्मचारियों को अपनी आय के आधार पर पुरानी या नई कर व्यवस्था चुनने की स्वतंत्रता है। नियोक्ता कर्मचारी की पसंद के अनुसार टीडीएस काटेंगे।
वेतनभोगी कर्मचारियों पर प्रभाव
नई कर व्यवस्था के तहत, कम आय वाले कर्मचारियों को टीडीएस में कमी का लाभ मिलेगा। उदाहरण के लिए, यदि आपकी वार्षिक आय 4 लाख रुपये से कम है, तो कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा। इसके अलावा, नियोक्ताओं को कर्मचारियों से निवेश और छूट के प्रमाण एकत्र करने की आवश्यकता होगी ताकि सटीक टीडीएस कटौती सुनिश्चित हो। कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे फॉर्म 16 में काटे गए टीडीएस की जांच करें और इसे फॉर्म 26AS के साथ मिलाएं।
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर टीडीएस: क्या नया है?
पहले के टीडीएस नियम
2024-25 तक, बैंकों को फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और रिकरिंग डिपॉजिट (RD) पर ब्याज आय पर टीडीएस काटना पड़ता था यदि:
- सामान्य नागरिकों के लिए ब्याज आय 40,000 रुपये प्रति वर्ष से अधिक हो।
- वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष या अधिक) के लिए ब्याज आय 50,000 रुपये प्रति वर्ष से अधिक हो।
टीडीएस की दर 10% थी, लेकिन यदि निवेशक का पैन उपलब्ध नहीं था, तो 20% की दर से कटौती होती थी।
2025 में संशोधित सीमाएं
बजट 2025 ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर टीडीएस छूट सीमा को बढ़ा दिया है:
- सामान्य नागरिक: ब्याज आय पर टीडीएस छूट सीमा 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति वर्ष कर दी गई है।
- वरिष्ठ नागरिक: छूट सीमा 50,000 रुपये से दोगुनी कर 1,00,000 रुपये प्रति वर्ष कर दी गई है।
इसका मतलब है कि यदि आपकी ब्याज आय इन सीमाओं से कम है, तो बैंक टीडीएस नहीं काटेगा। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के लिए, टीडीएस सीमा 10,000 रुपये प्रति वर्ष है।
फॉर्म 15G और 15H की भूमिका
यदि आपकी कुल आय कर योग्य सीमा (4 लाख रुपये नए रिजीम में, 2.5 लाख रुपये पुराने रिजीम में) से कम है, तो आप टीडीएस से बचने के लिए फॉर्म 15G (सामान्य नागरिकों के लिए) या फॉर्म 15H (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) जमा कर सकते हैं। ये स्व-घोषणा फॉर्म बैंक को यह बताते हैं कि आपकी आय कर योग्य नहीं है, और इसलिए टीडीएस काटने की आवश्यकता नहीं है।
FD निवेशकों के लिए व्यावहारिक प्रभाव
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए: 1 लाख रुपये तक की ब्याज आय पर कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा, जिससे सेवानिवृत्त लोगों को अधिक नकदी प्रवाह मिलेगा।
- सामान्य नागरिकों के लिए: 50,000 रुपये तक की ब्याज आय पर टीडीएस छूट छोटे निवेशकों को लाभ देगी।
- कर नियोजन: निवेशकों को अपनी ब्याज आय को आयकर रिटर्न में शामिल करना होगा, भले ही टीडीएस काटा गया हो, ताकि सटीक कर दायित्व की गणना हो सके।
किराए पर टीडीएस: उच्च सीमाएं
धारा 194I और 194IB का अवलोकन
धारा 194I के तहत, किराए के भुगतान पर टीडीएस काटा जाता है यदि वार्षिक किराया 2.4 लाख रुपये से अधिक हो। धारा 194IB व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) पर लागू होती है जो ऑडिट के दायरे में नहीं आते और मासिक किराया 50,000 रुपये से अधिक होने पर टीडीएस काटते हैं।
2025 में बदलाव
बजट 2025 ने किराए पर टीडीएस की सीमा को बढ़ा दिया है:
- धारा 194I: वार्षिक किराए की टीडीएस सीमा 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये (या मासिक 50,000 रुपये) कर दी गई है।
- धारा 194IB: मासिक किराए की सीमा 50,000 रुपये बनी हुई है, लेकिन टीडीएस दर 5% से घटाकर 2% कर दी गई है (1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी)।
मकान मालिकों और किरायेदारों पर प्रभाव
- मकान मालिकों के लिए: उच्च सीमा (6 लाख रुपये) छोटे मकान मालिकों को टीडीएस अनुपालन से राहत देगी, विशेष रूप से महानगरों में जहां किराया अधिक होता है।
- किरायेदारों के लिए: व्यक्तियों और HUF को अब केवल 50,000 रुपये प्रति माह से अधिक किराए पर 2% की कम दर से टीडीएस काटना होगा, जिससे अनुपालन आसान होगा।
- नकदी प्रवाह: उच्च सीमा और कम दर मकान मालिकों के लिए बेहतर नकदी प्रवाह सुनिश्चित करेगी।
अनुपालन आवश्यकताएं
किरायेदारों को टीडीएस काटना और इसे सरकार के पास जमा करना होगा। उन्हें फॉर्म 26QC के माध्यम से टीडीएस विवरण दाखिल करना होगा और मकान मालिक को फॉर्म 16C जारी करना होगा।
क्रिप्टोकरेंसी पर टीडीएस: वर्तमान स्थिति
धारा 194S के तहत मौजूदा नियम
धारा 194S के तहत, क्रिप्टोकरेंसी और अन्य वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों (VDAs) के हस्तांतरण पर 1% की दर से टीडीएस काटा जाता है, बशर्ते लेनदेन का मूल्य 10,000 रुपये (या कुछ मामलों में 50,000 रुपये) से अधिक हो। यह नियम 2022 में लागू हुआ था और क्रिप्टो एक्सचेंजों को टीडीएस काटने और जमा करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
2025 में कोई बड़ा बदलाव नहीं
बजट 2025 में क्रिप्टोकरेंसी पर टीडीएस नियमों में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है। धारा 194S की 1% टीडीएस दर और सीमा बरकरार है। हालांकि, आयकर विभाग ने क्रिप्टो कराधान पर विशिष्ट दिशानिर्देश प्रदान नहीं किए हैं, जिससे निवेशकों के बीच भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
क्रिप्टो कराधान में चुनौतियां
- अस्पष्टता: क्रिप्टो आय को पूंजीगत लाभ या व्यवसाय आय के रूप में वर्गीकृत करने पर स्पष्टता की कमी।
- अनुपालन: निवेशकों को अपने क्रिप्टो लेनदेन को सटीक रूप से रिकॉर्ड करना होगा और आयकर रिटर्न में शामिल करना होगा।
- उच्च कर दरें: क्रिप्टो लेनदेन से होने वाले लाभ पर 30% की दर से कर लगाया जाता है, जिसमें टीडीएस समायोजित होता है।
क्रिप्टो निवेशकों के लिए अनुपालन सुझाव
- सभी क्रिप्टो लेनदेन का रिकॉर्ड रखें, जिसमें खरीद, बिक्री, और हस्तांतरण शामिल हों।
- फॉर्म 26AS में टीडीएस क्रेडिट की जांच करें और इसे आयकर रिटर्न में समायोजित करें।
- कर विशेषज्ञ से परामर्श करें ताकि सही कर दायित्व की गणना हो सके।
2025 में अन्य प्रमुख टीडीएस बदलाव
डिविडेंड और म्यूचुअल फंड पर टीडीएस
- डिविडेंड आय पर टीडीएस छूट सीमा 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी गई है।
- म्यूचुअल फंड आय पर भी टीडीएस सीमा 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये की गई है।
साझेदारी फर्मों पर टीडीएस (धारा 194T)
नई धारा 194T के तहत, साझेदारी फर्मों और LLP को अपने भागीदारों को 20,000 रुपये से अधिक के भुगतान (जैसे वेतन, बोनस, या ब्याज) पर 10% की दर से टीडीएस काटना होगा। यह नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू है।
धारा 206AB और 206CCA का हटाना
धारा 206AB और 206CCA, जो आयकर रिटर्न दाखिल न करने वालों पर उच्च टीडीएस/टीसीएस दरें लागू करती थीं, को 1 अप्रैल 2025 से हटा दिया गया है। यह व्यवसायों के लिए अनुपालन को सरल बनाएगा।
विशिष्ट भुगतानों के लिए कम टीडीएस दरें
- धारा 194H (कमीशन या ब्रोकरेज) के तहत टीडीएस दर 5% से घटाकर 2% कर दी गई है (1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी)।
- धारा 194LBC (सिक्योरिटाइजेशन ट्रस्ट से आय) पर टीडीएस दर 25%/30% से घटाकर 10% कर दी गई है।
टीडीएस नियमों का अनुपालन कैसे करें
TAN का महत्व
टीडीएस कटौती करने वाले सभी व्यक्तियों/संस्थानों को टैक्स डिडक्शन अकाउंट नंबर (TAN) प्राप्त करना अनिवार्य है। इसे सभी टीडीएस-संबंधित दस्तावेजों में उल्लेख करना होगा।
टीडीएस रिटर्न दाखिल करना और फॉर्म 16/16A जारी करना
- टीडीएस काटने वालों को निर्धारित समय के भीतर टीडीएस रिटर्न दाखिल करना होगा।
- वेतन के लिए फॉर्म 16 और गैर-वेतन आय के लिए फॉर्म 16A जारी करना अनिवार्य है।
फॉर्म 26AS के माध्यम से टीडीएस क्रेडिट की जांच
करदाता फॉर्म 26AS के माध्यम से अपने टीडीएस क्रेडिट की जांच कर सकते हैं, जो आयकर पोर्टल पर उपलब्ध है। यह सुनिश्चित करता है कि काटा गया टीडीएस सही ढंग से जमा किया गया है।
गैर-अनुपालन के लिए दंड से बचना
गलत टीडीएस कटौती या जमा न करने पर दंड और ब्याज लागू हो सकता है। इसलिए, सही दरों पर टीडीएस काटना और समय पर जमा करना महत्वपूर्ण है।
विभिन्न समूहों पर टीडीएस बदलावों का प्रभाव
वेतनभोगी कर्मचारी
नई कर व्यवस्था के तहत, कम आय वाले कर्मचारियों को टीडीएस में राहत मिलेगी। हालांकि, उन्हें अपनी आय और निवेश की जानकारी नियोक्ता को समय पर प्रदान करनी होगी।
वरिष्ठ नागरिक और FD निवेशक
वरिष्ठ नागरिकों को 1 लाख रुपये तक की ब्याज आय पर टीडीएस छूट से लाभ होगा। फॉर्म 15H का उपयोग करके वे और भी अधिक बचत कर सकते हैं।
मकान मालिक और किरायेदार
6 लाख रुपये की नई टीडीएस सीमा और 2% की कम दर मकान मालिकों और किरायेदारों दोनों के लिए अनुपालन को आसान बनाएगी।
क्रिप्टोकरेंसी व्यापारी
क्रिप्टो निवेशकों को धारा 194S के तहत 1% टीडीएस का पालन करना होगा। सटीक रिकॉर्ड-कीपिंग और कर विशेषज्ञ से परामर्श महत्वपूर्ण है।
2025 में करदाताओं के लिए सुझाव
अपनी कर स्लैब और छूट को समझें
अपनी आय और लागू कर स्लैब को समझें ताकि आप सही कर व्यवस्था (पुरानी या नई) चुन सकें।
फॉर्म 15G/15H जमा करें
यदि आपकी आय कर योग्य सीमा से कम है, तो फॉर्म 15G या 15H जमा करके टीडीएस से बचें।
फॉर्म 26AS के माध्यम से टीडीएस की निगरानी करें
नियमित रूप से फॉर्म 26AS की जांच करें ताकि यह सुनिश्चित हो कि आपका टीडीएस सही ढंग से जमा किया गया है।
जटिल मामलों के लिए कर विशेषज्ञ से परामर्श करें
क्रिप्टोकरेंसी या साझेदारी फर्मों से आय जैसे जटिल मामलों में, कर विशेषज्ञ से सलाह लें।
निष्कर्ष
2025 में टीडीएस नियमों में किए गए बदलाव कर अनुपालन को सरल बनाने और करदाताओं के लिए नकदी प्रवाह में सुधार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। वेतन, फिक्स्ड डिपॉजिट, किराए, और अन्य आय पर टीडीएस सीमाओं को बढ़ाने से वरिष्ठ नागरिकों, छोटे मकान मालिकों, और निम्न-मध्यम आय वर्ग को लाभ होगा। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी पर टीडीएस नियमों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है, जिससे निवेशकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। करदाताओं को नवीनतम नियमों से अपडेट रहना चाहिए और सटीक अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए फॉर्म 26AS और कर विशेषज्ञों का उपयोग करना चाहिए।
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FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. 2025 में वेतन पर टीडीएस कैसे काटा जाएगा?
वेतन पर टीडीएस धारा 192 के तहत कर्मचारी की अनुमानित आय और लागू कर स्लैब के आधार पर काटा जाएगा। नई कर व्यवस्था में 4 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं है।
2. FD पर टीडीएस छूट सीमा क्या है?
सामान्य नागरिकों के लिए 50,000 रुपये और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1,00,000 रुपये प्रति वर्ष। यदि आपकी आय कर योग्य सीमा से कम है, तो फॉर्म 15G/15H जमा करें।
3. किराए पर टीडीएस की नई सीमा क्या है?
धारा 194I के तहत, वार्षिक किराया 6 लाख रुपये से अधिक होने पर टीडीएस काटा जाएगा। धारा 194IB के तहत, मासिक किराया 50,000 रुपये से अधिक होने पर 2% टीडीएस लागू है।
4. क्रिप्टोकरेंसी पर टीडीएस नियम क्या हैं?
धारा 194S के तहत, 10,000 रुपये से अधिक के क्रिप्टो लेनदेन पर 1% टीडीएस काटा जाता है। 2025 में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
5. मैं अपने टीडीएस क्रेडिट की जांच कैसे कर सकता हूं?
आयकर पोर्टल पर फॉर्म 26AS के माध्यम से अपने टीडीएस क्रेडिट की जांच करें।
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